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इन तीन तरीकों से आप किसी और के नाम कर सकते हैं अपनी संपत्ति

March 14 2024   |   Shaveta Dua

अगर आप अचल संपत्ति को ट्रांसफर करने के रास्ते तलाश रहे हैं तो केवल तीन कानूनी विकल्प मौजूद हैं-सेल डीड, गिफ्ट डीड और त्यागनामा। हालांकि इन तीनों विकल्पों में से आप किसी को यूंही नहीं चुन सकते, क्योंकि इनमें से हर एक का रोल अलग है।

सेल डीड या बिक्रीनामा:

सबसे ज्यादा यही तरीका इस्तेमाल किया जाता है। इसे ट्रांसफर डीड या बिक्रीनामा भी कहा जाता है, जिसे सब-रजिस्ट्रार अॉफिस में रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। इसके बाद प्रॉपर्टी नए मालिक के नाम ट्रांसफर होती है। लेकिन ध्यान रहे कि संपत्ति खरीदने वाले शख्स का आपसे संबंध नहीं होना चाहिए।

फायदा: यह धोखाधड़ी से बचते हुए प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने का बेहद आसान तरीका है। एक रजिस्टर्ड बिक्रीनामा इस बात का सबूत है कि आपने संपत्ति बेच दी है। यह जाली और धोखाधड़ी को रोकने में भी मदद करता है क्योंकि लेनदेन की जानकारी पब्लिक डोमेन में होती है।

सीमाएं: प्रॉपर्टी बेचने से लॉन्ग और शॉर्ट टर्म में फायदा होता है।

गिफ्ट डीड:

इस दस्तावेज के तहत बिना पैसों के लेनदेन के आप अपनी चल और अचल संपत्ति किसी को तोहफे में दे सकते हैं। अचल संपत्ति को गिफ्ट में देने के लिए आपको स्टैंप पेपर पर एक डीड बनवानी पड़ती है। साथ ही दो गवाहों से अटेस्ट कराने के बाद उसे रजिस्ट्रार के दफ्तर में जमा कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 के सेक्शन 17 के मुताबिक अचल संपत्ति का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। एेसा न करने पर उसे अवैध माना जाएगा। हालांकि कोई भी चल संपत्ति जैसे जूलरी या कार बिना रजिस्ट्रेशन किसी को भी गिफ्ट कर सकता है। गिफ्ट डीड एेसा दस्तावेज है, जिसमें बदलाव नहीं किया जा सकता। इसका मतलब है, जिसे आपने गिफ्ट दिया है, डीड ट्रांसफर होने के बाद वही उसका मालिक है।

फायदा: अगर आप अपने रिश्तेदार को कोई संपत्ति बतौर गिफ्ट देते हैं तो टैक्स का कोई झंझट नहीं पड़ेगा। यहां रिश्तेदारों से मतलब पत्नी, भाई-बहन, पत्नी/ पति के भाई-बहन या माता-पिता के भाई-बहनों से है। अगर किसी शख्स को कोई प्रॉपर्टी मिली है, उस पर तब टैक्स लगाया जाएगा, जब उस प्रॉपर्टी की स्टैंप ड्यूटी वैल्यू बिना विचार के 50 हजार रुपये को पार कर जाएगी।

सीमाएं: गिफ्ट डीड में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे कोर्ट में जबरन या धोखाधड़ी के आधार पर चुनौती दी जा सकती है।

त्यागनामा:

अगर आप किसी संपत्ति में सह मालिक हैं और अपने अधिकार छोड़ना चाहते हैं तो त्यागनामा सबसे बेहतर विकल्प है। गिफ्ट डीड की तरह इसमें भी बदलाव नहीं किया जा सकता, चाहे यह पैसों के लेन-देन के बिना हो। दो गवाहों से अटेस्ट कराने के बाद इसे रजिस्टर्ड कराना पड़ता है। जहां तक स्टैंप ड्यूटी का संबंध है, रिश्तेदारों के लिए कोई छूट या टैक्स में रियायत नहीं है।

फायदा: अगर प्रॉपर्टी में दो लोगों का संयुक्त रूप से अधिकार है तब भी त्यागनामा बहुत आसानी से प्रॉपर्टी ट्रांसफर का विकल्प देता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल उस वक्त होता है, जब कोई बिना वसीयत छोड़े मर जाता है और कानूनी उत्तराधिकारियों को संपत्ति विरासत में मिल जाती है।

दायरे: टैक्स नियम के तहत त्यागनामा गिफ्ट के बजाय ट्रांसफर के तहत आता है। इसलिए टैक्स में किसी तरह की छूट नहीं मिलती।




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