कर्नाटक की अकर्म-सकर्म स्कीम के बारे में ये बातें जाननी आपके लिए बहुत जरूरी हैं
कर्नाटक सरकार की अकर्म-सकर्म स्कीम पर सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल जनवरी में रोक लगा दी थी। इस स्कीम के तहत प्रशासन ने पूरे राज्य में अवैध निर्माणों को नियमित करने की योजना बनाई थी। कर्नाटक सरकार ने अकर्म-सकर्म स्कीम की डेडलाइन पहले 4 महीने बढ़ा दी थी। इस स्कीम में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) , 10 म्युनिसिपालिटी कॉरपोरेशन और 260 लोकल कॉरपोरेशन की सीमाओं में बनी गैरकानूनी इमारतों को थोड़ी पेनाल्टी देकर नियमित करने का मौका दिया गया था। कर्नाटक हाई कोर्ट में दायर एक एफिडेविट में बीबीएमपी ने कहा कि बेंगलुरु में करीब 1.54 लाख अवैध संपत्तियां हैं।
आइए आपको बताते हैं कि आखिर यह कर्नाटक सरकार की अकर्म-सकर्म स्कीम आखिर है क्या:
-2013 में पास की गई अकर्म-सकर्म स्कीम 23 मार्च 2015 को बेंगलुरु में लागू की गई थी। यह योजना कर्नाटक टाउन एंड कंट्री एक्ट सहित कई अधिनियमों में किए गए संशोधनों का नतीजा है और इसे कर्नाटक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (अनधिकृत विकास नियमों का नियमन) नियम 2013 कहा जाता है।
-इस कानून के तहत उन बिल्डिंगों को बिना तोड़े नियमित किया जा सकता है, जिन्होंने इमारत बनाने के दौरान नियमों का उल्लंघन किया है।
-अकर्म-सकर्म स्कीम केवल उन संपत्तियों पर लागू होगी, जो 19 अक्टूबर 2013 को या उससे पहले बनी हैं। निर्माणाधीन (अंडर कंस्ट्रक्शन) संपत्तियों पर यह लागू नहीं होगा।
-अकर्म-सकर्म स्कीम आवासीय निर्माण के मामले में 50 प्रतिशत तक की गिरावट और फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) के उल्लंघन को एक बार में नियमितकरण मुहैया कराती है। कमर्शियल बिल्डिंग के मामले में गिरावट की दर 25 प्रतिशत की है।
-अकर्म-सकर्म स्कीम के तहत गैर कानूनी तरीके से बनाए गए प्लॉट्स को पेनाल्टी चुकाकर नियमित किया जा सकता है।
अकर्म-सकर्म की पेनाल्टी: अगर उल्लंघन 25 प्रतिशत से कम या उसके बराबर हुआ है तो जमीन के बाजार मूल्य के अनुसार नियमितकरण के लिए शुल्क कुल उल्लंघन क्षेत्र का छह प्रतिशत होगा। अगर यह 25 से 50 प्रतिशत के बीच है तो कुल उल्लंघन वाले क्षेत्र के बाजार मूल्य के आठ प्रतिशत का जुर्माना लगाता है। लेकिन अगर उल्लंघन 50 प्रतिशत से ज्यादा है तो बिल्डिंग को ढहाया जा सकता है।
इसके अलावा पार्कों या नागरिक सुविधाओं पर अतिक्रमण करने वाली संपत्तियों को इस योजना के तहत नियमित नहीं किया जाएगा। आवेदक जल्द की अॉनलाइन एप्लिकेशन भी दायर कर सकेंगे। अधिकारी इस प्रक्रिया को अॉनलाइन बनाने की तैयारी में जुटे हैं। उल्लंघन की प्रकृति के मुताबिक ही आवेदक को अपनी संपत्ति नियमित कराने के लिए दस्तावेज जमा कराने पड़ेंगे।
रियल एस्टेट पर अकर्म-सकर्म स्कीम का प्रभाव: मार्केट में कई रेडी टू मूव इन फ्लैट्स सिर्फ इसलिए अब तक नहीं बिके हैं, क्योंकि उनका दर्जा अवैध है। इनके नियमित होते ही संपत्तियों के दाम और बढ़ेंगे। इसके बदले में बेंगलुरु में संपत्ति को और अधिक किफायती बनाने के लिए खरीद और बिक्री के लिए उपलब्ध संपत्तियों की संख्या भी बढ़ जाएगी।