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बड़े काम का है बीएमसी का अॉनलाइन कैलकुलेटर, प्रॉपर्टी टैक्स की कैलकुलेशन को एेसे बनाएगा आसान

July 01, 2015   |   Vidhika Dalmia
भारत बहुत तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है। एेसे में सरकार ने देश के नागरिकों की जिंदगी आसान बनाने का फैसला करते हुए पेमेंट और टैक्स फाइल करने के विकल्प के तौर पर अॉनलाइन कैलकुलेटर की शुरुआत की है। भारत में प्रॉपर्टी पर लगने वाले टैक्स की अॉनलाइन कैलकुलेशन भी इससे की जा सकेगी। क्या हैं इसके फायदे: यह न सिर्फ प्रॉपर्टी टैक्स की गणना को आसान बनाएगा, बल्कि देश के नागरिकों के हाथों में नियंत्रण भी देगा। प्रॉपर्टी टैक्स बिल में कार्पेट एरिया, टाइप और प्रॉपर्टी की उम्र की जानकारी होती है। अगर आपको लगता है कि बिल में किसी तरह की कोई गड़बड़ी है तो आप उसे अॉनलाइन कैलकुलेटर के जरिए क्रॉस चेक कर सकते हैं और वॉर्ड अॉफिस उसे ठीक कर देगा। इसका एक अतिरिक्त फायदा यह भी है कि इसके जरिए बकाया बिलों पर भी देय कर की गणना की जा सकती है। इस अॉनलाइन कैलकुलेटर के जरिए एक टैक्सपेयर यह समझ सकता है कि टैक्स सिस्टम कैसे काम करता है। कैलकुलेटर सिस्टम वार्ड, क्षेत्र, किरायेदार / खुद कब्जे वाले, संपत्ति वर्ग, निर्माण के वर्ष इत्यादि के आधार पर यह दिखाता है कि टैक्स कितना लगेगा। पिछली कैलकुलेशन और आधुनिक कैलकुलेटर में फर्क: पहले प्रॉपर्टी टैक्स की गणना रेट बेस्ड वैल्यू सिस्टम के मुताबिक होती थी। यह सिस्टम एक वर्ष में किसी प्रॉपर्टी से इकट्ठा की गई किराए की रकम का इस्तेमाल टैक्स कैलकुलेट करने के लिए करता था इस सिस्टम के चलते नगर निगम के राजस्व को काफी नुकसान पहुंच रहा था क्योकि रेंट कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी प्रॉपर्टी टैक्स के कारण वास्तविक दरो से काफी काम था । यह दक्षिण मुंबई में आठ लाख से अधिक किरायेदारों के लिए खासतौर पर सच था। हालांकि नए कैपिटल वैल्यू बेस्ट सिस्टम के जरिए केवल साउथ मुंबई से ही राजस्व के करीब 150 करोड़ रुपये बढ़ने की उम्मीद है। यह सिस्टम सरकार द्वारा जारी किए गए स्टैंप ड्यूटी रेडी रेकनर रेट के जरिए अलग-अलग पैरामीटर्स के आधार पर प्रॉपर्टी की वैल्यू का पता लगाता है। चूंकि यह रेट सालाना संशोधित किया जाता है, इसलिए मुंबई की निकाय संस्था बृहन्मुंबई महानगर पालिका पहले के मुकाबले ज्यादा वास्तविक राशि एकाग्र कर पाती है जो की संपत्ति मूल्य पर आधारित हैं कैसे किया जाता है कैलकुलेशन: 2010-2015 के लिए जो नियम निर्धारित किए गए हैं, उसके मुताबिक कैपिटल वैल्यू को बेस वैल्यू, बिल्ड अप एरिया, यूज कैटिगरी, टाइप अॉफ बिल्डिंग, उसकी उम्र, और भारत में फ्लोर फैक्टर के उत्पाद के तौर पर कैलकुलेट किया जाता था । एक बार जो प्रॉपर्टी टैक्स तय कर दिया जाता था, उसे पांच वर्ष की अवधि तक संशोधित नहीं किया जाता था। 5 वर्ष के बाद, यह इजाफा 40 प्रतिशत तक सीमित होता है। जिन रिहायशी घरों का कार्पेट एरिया 500 स्क्वेयर फुट से ज्यादा है, उन्हें पिछले भुगतान का दोगुना या नए सिस्टम के मुताबिक टैक्स, जो भी कम हो, देना पड़ता है। अगर कार्पेट एरिया 500 स्क्वेयर फुट से कम है तो लोगों को नए टैक्स सिस्टम के लागू होने से पहले उतना ही भुगतान करना पड़ेगा, जितना उन्होंने पहले किया था। एेसे कैलकुलेट करें प्रॉपर्टी टैक्स : https://prcvs.mcgm.gov.in/ 2015-2020 के लिए नियमों में संशोधन बृहन्मुंबई महानगर पालिका यानी बीएमसी ने अपने नियम संशोधित किए हैं जो अप्रैल 2015 से लागू हो चुके हैं। इसके अनुसार, ये परिवर्तन शामिल किए गए हैं: -सभी श्रेणियों के तहत आने वाली प्रॉपर्टीज के फिक्सड रेट में इजाफा हुआ है। -कैपिटल वैल्यू की गणना करने का फॉर्म्युला भी बदल दिया गया है। अब बिल्ड अप एरिया की जगह कार्पेट एरिया को शामिल किया गया है। फॉर्म्युला में अब कार्पेट एरिया और रेडी रेकनर रेट के प्रॉडक्ट शामिल होंगे। प्रॉपर्टी टैक्स में ४० प्रतिशत वृद्धि के परिणामस्वरूप अपेक्षित टैक्स स्लैब में संशोधन किया गया है। -प्रॉपर्टीज का क्लासिफिकेशन 21 से लेकर 6 तक लाया गया है। हालांकि यह सच है कि अपने टैक्स का खुद आकलन करने से टैक्सपेयर्स के हाथों में ज्यादा नियंत्रण होगा। लेकिन फिर भी इस प्रोजेक्ट को अभी काफी लंबा सफर तय करता है। इस अॉनलाइन कैलकुलेटर के बारे में कुछ खामियां भी निकलकर सामने आई हैं, जैसे यह पूरी तरह से सिर्फ इंटरनेट एक्सप्लोरर पर ही काम करता है। एक शिकायत यह भी है कि अगर बहुत सारे यूजर्स एक ही समय पर लॉग इन करते हैं तो सिस्टम लोड नहीं ले पाता। हालांकि ये अच्छी शुरुआत हैं, नागरिको की सुविधा के लिए



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