दिल्ली को अजीब-भी नियम से ज्यादा की जरूरत है
इंडिया स्पेंड के अनुसार, एक डेटा पत्रकारिता की पहल, अप्रैल 1 और 14 अप्रैल के बीच इस वर्ष 15 से 30 अप्रैल के बीच दिल्ली के वायु प्रदूषण के स्तर में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा क्यों हुआ, यह निश्चित रूप से एक प्रमाण है ओड-एवर रोड स्पेस-राशनिंग नियम, जो कि 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक लागू था, लक्ष्य से हासिल होने वाले लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाया। इससे यह भी पता चलता है कि राष्ट्रीय राजधानी को सड़क प्रदूषण को रोकने के लिए अधिक लंबी अवधि के उपायों की जरूरत है और सड़क की भीड़ कम होनी चाहिए। आंकड़ों पर नजर डालने से शहर के दिल्ली मेट्रो नेटवर्क को यह पूरा करने में काफी मदद मिलेगी। मेट्रो नेटवर्क, उदाहरण के लिए, शहर में प्रदूषण को काफी कम कर देता है। आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली मेट्रो शहर में प्रति वर्ष लगभग 6,30,000 टन से प्रदूषकों को कम कर देता है
2016 तक दुनिया में सातवां सबसे बड़ा जन-पारगमन नेटवर्क बनने वाला मेट्रो, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रमाणन प्राप्त करने के लिए दुनिया का पहला ऐसा नेटवर्क है।