क्या गोद लिए गए बच्चे को मिलेगा माता-पिता की संपत्ति में अधिकार, जानिए
वैध तरीके से गोद लिए गए बच्चे को वही कानूनी स्टेटस मिलेगा, जो जैविक बच्चे को मिलता है। इसका मतलब है कि दत्तक बच्चे के वही अधिकार होंगे, जो प्राकृतिक बच्चे के होंगे। हालांकि बच्चे को गोद लेते वक्त कई एेसी चीजें हैं, जिनका ध्यान रखना जरूरी है।
कौन गोद ले सकता है?
हिंदू दत्तक ग्रहण और रखरखाव अधिनियम (HAMA) , 1956 के मुताबिक कोई भी हिंदू बच्चा गोद ले सकता है, अगर उसने बहुमत हासिल कर ली है और दिमागी तौर पर ठीक है। हिंदुओं के अलावा सिख, बौद्ध और जैन भी इसी कानून के तहत आते हैं।
किसे गोद लिया जा सकता है?
कोई भी लड़का/लड़की जो हिंदू हो। जिसे पहले गोद न लिया गया हो। शादीशुदा न हो और उम्र 15 साल से कम हो।
क्या इसे अमान्य ठहराया जा सकता है?
अगर कानूनी प्रक्रिया को फॉलो किया गया है तो दत्तकग्रहण दत्तक पिता या बच्चे द्वारा रद्द नहीं किया जा सकता। गोद लिया गया बच्चा भी अपना स्टेटस छोड़कर अपने जैविक परिवार के पास वापस नहीं जा सकता। लेकिन अगर कोर्ट को प्रक्रिया में गड़बड़ी लगती है तो उसे अमान्य ठहराया जा सकता है।
कौन बच्चे को गोद दे सकता है?
एक शख्स अपनी पत्नी की सहमति से बच्चा गोद दे सकता है। एक अभिभावक भी बच्चा गोद दे सकता है। अगर कोई विपरीत लिंग के बच्चे को गोद लेता है तो कम से कम 21 वर्ष का अंतर होना चाहिए।
दत्तक बच्चे के पैरंट्स की संपत्ति में क्या-क्या अधिकार हैं?
गोद लिए गए बच्चे का दत्तक माता-पिता की संपत्ति पर जैविक बच्चे जितना ही अधिकार होता है। हालांकि बच्चा गोद लेने के बाद भी माता-पिता अपनी संपत्ति का निपटारा जैसे चाहे कर सकते हैं। वे अपने दत्तक बच्चे को भी संपत्ति से उसी तरह बेदखल कर सकते हैं, जैसे जैविक बच्चे को।
क्या मुसलमान और ईसाई भी बच्चा गोद ले सकते हैं?
मुस्लिम, ईसाई और पारसियों के लिए गोद लेने का कोई तय कानून नहीं है। 2001 तक वे गार्डियनशिप एंड वार्ड्स एक्ट, 1890 के तहत आते थे। इसमें दत्तक बच्चे और माता-पिता दोनों को सीमित अधिकार दिए जाते थे। जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (JJA) और भारत सरकार के सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स एजेंसी की गाइडलाइंस के तहत कोई भी शख्स जो योग्य हो, चाहे उसका कोई भी धर्म हो, वह एक अनाथ को गोद ले सकता है।
एक परिवार या व्यक्ति कितने बच्चों को गोद ले सकता है?
HAMA और JJA के बीच इस चीज को लेकर काफी विवाद है। HAMA के मुताबिक हिंदू परिवार केवल एक लड़का या लड़की को गोद ले सकते हैं, अगर उनके पास उस लिंग का बच्चा नहीं है। वहीं जेजेए ज्यादा उदार है, क्योंकि यह छोड़े हुए बच्चों के सामाजिक एकीकरण का पक्ष लेता है। इसके मुताबिक एक शख्स या परिवार कितने भी बच्चे गोद ले सकते हैं।