जानिए संपत्ति से होने वाली आय पर कैसे होती है टैक्स की गणना
सभी तरह की आय पर टैक्स लगता है और जो पैसा आप संपत्ति को किराए पर देकर हासिल कर रहे हैं, वह भी इससे अलग नहीं है। अगर आप प्रॉपर्टी को किराये पर देकर पैसा कमा रहे हैं तो इनकम फ्रॉम हाउस प्रॉपर्टी कैटिगरी के प्रावधानों के तहत आपको टैक्स चुकाना होगा। लेकिन कोई संपत्ति से इनकम तक कैसे पहुंचता है? इसके लिए एक खास सालाना राशि तय की गई है। इसे आपकी संपत्ति का सालाना मूल्य कहा जाता है। यह मूल्य तय करता है कि आप किस तरह का टैक्स प्रॉपर्टी पर चुकाएंगे। लेकिन यह कैसे जानें कि प्रॉपर्टी का सालाना मूल्य क्या है? जो लोग अपना घर किराए पर देने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह जरूरी है।
इसके दो तरीके हैं: कई फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए निकाय संस्थाएं हर प्रॉपर्टी को एक मूल्य देती हैं, जिसे म्युनिसिपल वैल्यू कहा जाता है। यह मुख्य रूप से म्युनिसिपल टैक्स लगाने के लिए किया जाता है। यह आधिकारिक तौर पर आपकी संपत्ति का मूल्य पता लगाने में मदद करता है। दूसरा तरीका है किराए पर दी गई संपत्ति के सकल मूल्य की गणना करना, ताकि एक उचित मूल्य पर पहुंचा जा सके। किस तरह की आमदनी लोग घर किराए पर देकर कमाते हैं? ज्यादातर मामलों में संपत्तियों का उचित मूल्य म्युनिसिपल मूल्य से ज्यादा होता है। प्रॉपर्टी वैल्यू जानने के और भी तरीके हैं।
अगर आप म्युनिसिपल कॉरपोरेशन द्वारा संपत्ति को दिए गए वार्षिक मूल्य से किराए के रूप में ज्यादा कमाते हैं तो उसी आधार पर आपको टैक्स भी चुकाना होगा, जो जाहिर सी बात है ज्यादा होगा। लेकिन अगर आपको किराया कम मिल रहा है तब? एेसे में आपको जो राशि बतौर किराया मिल रही है, उसी के आधार पर टैक्स चुकाना होगा।
जिन जगहों पर किराया नियंत्रण कानून लागू होता है, वहां मानक किराया वार्षिक मूल्य निर्धारित करता है और प्रॉपर्टी के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है। ध्यान रखें कि संपत्ति को किराए पर देकर आपकी जो आमदनी हो रही है, उस पर टैक्स शुद्ध वार्षिक मूल्य के आधार पर लगाया जाएगा, सकल वार्षिक मूल्य पर नहीं। जो टैक्स आप म्युनिसिपल कॉरपोरेशन को देते हैं, उसे घटाकर प्रॉपर्टी के सालाना मूल्य का हिसाब लगाया जाता है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के प्रावधानों के तहत शुद्ध वार्षिक मूल्य के 30 प्रतिशत की मरम्मत आदि के रूप कटौती की जाती है।
संपत्ति के लिए जो होम लोन लिया है, उसका क्या?
मकान मालिक को अपनी किराये की संपत्ति की खरीद के एवज में लिए गए लोन पर ब्याज में छूट मिलती है। इससे पहले सभी कटौतियों के बाद मकानमालिक के लिए किराए की आमदनी जीरो हुई तो वह इसे आय के अन्य स्रोतों पर हुआ नुकसान दिखा सकता है। लेकिन 2017-18 के बजट में घर की संपत्ति से होने वाले नुकसान की सीमा 2 लाख रुपये प्रस्तावित की गई है। इस कदम से वह टैक्स छूट रुक जाएगी, जो मकानमालिक प्रॉपर्टी के लिए होम लोन ब्याज के तौर पर उठाते हैं। इस कदम का मकसद किराए और खुद के कब्जे वाली संपत्ति पर टैक्स फायदों को समान करना है।