अगर पड़ोसी कर ले आपकी जमीन पर अतिक्रमण तो अपनाएं ये तरीके
घर और रोजगार जमीन अतिक्रमण के बढ़ते मामलों के मुख्य कारणों में से एक हैं। झुग्गी और बस्तियां इस चीज का उदाहरण हैं कि कैसे शहर में रहने वाले गरीब लोग अतिक्रमण के जरिए घर की जरूरत को पूरा कर रहे हैं।
क्या है अतिक्रमण: आम भाषा में जब कोई शख्स आपकी जमीन पर ढांचा बनाकर रहने लगे या कब्जा कर ले, उसे अतिक्रमण कहा जाता है। अगर आपका पड़ोसी आपकी संपत्ति को घेरने के लिए एक झोंपड़ा बना ले या अपने घर का इस तरह से विस्तार करे कि बरामदा आपकी संपत्ति पर आकर खत्म हो तो उसे अतिक्रमण का सटीक उदाहरण कहा जाएगा। अपने पड़ोसी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए आप इस उल्लंघन को नजरअंदाज कर सकते हैं। हालांकि अगर आप संपत्ति बेच रहे हैं तो आपको अतिक्रमण के बारे में भावी ग्राहक को बताना होगा।
अतिक्रमण से बचने के उपाय: अतिक्रमण से बचने के कई तरीके हैं। हालांकि कोई भी कदम उठाने से पहले आपको अपनी संपत्ति की सीमाओं के बारे में मालूम होना चाहिए। सबसे पहले अपने पड़ोसी के साथ इस मुद्दे पर बात करें। हो सकता है वह अपना ढांचा हटा ले या कोई अन्य व्यवस्था कर ले। कोर्ट के बाहर इस मुद्दे को सुलझाने से दोनों पक्षों की कानूनी फीस बचेगी। साथ ही वकील हायर करने और कोर्ट जाने के झमेलों से भी मुक्ति मिलेगी। अगर आप और पड़ोसी अतिक्रमण छोड़ने का फैसला करते हैं तो आप उसे लिखित में अपनी संपत्ति इस्तेमाल करने की इजाजत दे सकते हैं। बाद में यह आपको प्रतिकूल कब्जे के दावे से भी बचाएगा।
अगर आपका पड़ोसी अतिक्रमण हटाने से इनकार कर रहा है, लेकिन मुद्दा सुलझाने को तैयार है तो आप कब्जा की गई संपत्ति को उसे बेचने पर विचार कर सकते हैं। यह दोनों पार्टियों के लिए जीत की तरह होगा। लेकिन अगर बाकी कोशिशें बेकार हो गई हैं और कोर्ट जाना आखिरी रास्ता है तो जज आपसे दो चीजें साबित करने को कहेगा। पहली आप संपत्ति के असली मालिक हैं और दूसरी आपके पड़ोसी ने संपत्ति पर अतिक्रमण किया हुआ है। कानूनी लड़ाई एक लंबी प्रक्रिया है। मामले को और जटिल बनाने के लिए, अगर पड़ोसी कुछ समय के लिए आपकी जमीन का अनुचित तरीके से उपयोग कर रहा है तो वह प्रतिकूल कब्जे के मामले में जीत हासिल कर सकता है या कोर्ट उसे संपत्ति का सीमित इस्तेमाल करने की भी इजाजत दे सकता है, जिसे आज्ञाकारी सुखभोग कहा जाता है।