घर खरीदने जा रहे हैं तो आपके शहर में स्टैंप ड्यूटी कितनी लगेगी, जान लीजिए
जब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदने पर विचार करते हैं तो आपको कई चीजों और खर्चों के लिए बजट बनाना पड़ता है, जो इस प्रक्रिया के लिए जरूरी होता है। रियल एस्टेट में कीमतों के अलावा आपको अन्य अतिरिक्त खर्चे जैसे स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज भी चुकाने पड़ते हैं।
रियल एस्टेट की लेनदेन पर स्टैंप ड्यूटी चुकानी पड़ती है। यह उस वक्त दी जाती है, जब संपत्ति की कुल घोषित कीमत के आधार पर संपत्ति एक शख्स से दूसरे को ट्रांसफर की जाती है। भारतीय स्टैंप ड्यूटी कानून, 1899 के सेक्शन 3 में इसका प्रावधान है। भारत के अलग-अलग शहरों में स्टैंप ड्यूटी 4 से 10 प्रतिशत के बीच है। आसान भाषा में अगर आपके शहर में 4 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी लगाई जाती है तो आपको 100 रुपये की संपत्ति पर 4 रुपये देने होंगे।
प्रॉपटाइगर आज आपको देश के 9 अहम शहरों में लगाई जाने वाली स्टैंप ड्यूटी चार्जेज के बारे में बता रहा है:
अहमदाबाद: अगर आप अहमदाबाद में प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो आपको 4.9 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी चुकानी होगी। गुजरात के इंडस्ट्रियल हब में यह रेट देश के कई अन्य शहरों से बेहद कम है।
बेंगलुरु: देश की इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी कैपिटल (आईटी) बेंगलुरु के शहरी इलाकों में स्टैंप ड्यूटी 5.6 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में 5.65 प्रतिशत है। अन्य शहरों से अगर इसकी तुलना की जाए तो कई शहरों के मुकाबले यहां स्टैंप ड्यूटी कम है।
चेन्नई: तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में प्रॉपर्टी की कुल कीमत पर 7 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी लगाई जाती है।
गुड़गांव: राजधानी दिल्ली से सटे गुड़गांव में स्टैंप ड्यूटी अलग सेगमेंट और विभिन्न तरह के खरीदारों के लिए अलग-अलग है। गुड़गांव के ग्रामीण इलाकों में जहां आपको 6 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी देनी होती है, वहीं शहरी इलाकों में इसकी दर 8 प्रतिशत है। गिफ्ट डीड के रजिस्ट्रेशन के लिए आपको ग्रामीण इलाकों में 3 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 5 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी चुकानी पड़ती है। हालांकि अगर बैनामा किसी महिला के नाम पर है तो गुड़गांव के ग्रामीण इलाकों में 4 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 6 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी लगाई जाएगी।
हैदराबाद: निजामों के इस शहर में संपत्ति लेने के लिए ग्राहकों को 7.5 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी चुकानी होती है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता अपनी संस्कृति और फूड के लिए खासी मशहूर है। यहां कोलकाता पंचायत में प्रॉपर्टी की कीमत पर 5 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी लगती है। वहीं म्युनिसिपल और कॉरपोरेशन इलाकों में 6 प्रतिशत की दर से इसका भुगतान किया जाता है। पिछले साल शहर के प्रशासन ने जारी नोटिस में कहा था कि अगर प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू 40 लाख से ज्यादा है तो ग्रामीण और शहरी इलाकों में एक प्रतिशत की अतिरिक्त स्टैंप ड्यूटी चुकानी होगी।
मुंबई और पुणे: वर्तमान में मुंबई और पुणे में प्रॉपर्टी वैल्यू पर 5 प्रतिशत स्टैंप ड्यूटी लगाई जाती है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अक्टूबर 2015 में राज्य सरकार के नोटिस के बाद राज्य मंत्रिमंडल ने एक प्रतिशत अंक से छह प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।
नोएडा: नोएडा अथॉरिटी ने हाल ही में स्टैंप ड्यूटी की दर 5 प्रतिशत से 7 प्रतिशत की है। यह यकीनन घर खरीदारों के लिए एक झटका ही है। पूर्व शहरी एवं विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने भी राज्य सरकारों से स्टैंप ड्यूटी कम करने को कहा था, ताकि घर खरीदना और आसान हो सके। मीडिया ने पूर्व मंत्री के बयान का हवाला देते हुए लिखा था कि असल में स्टैंप ड्यूटी रजिस्टर को बनाए रखने के लिए ली जाती थी, लेकिन अब यह राजस्व का स्रोत बन गया है। किफायती आवासों पर इसे लगाना आम जनता के लिए एक बोझ की तरह होगा।
स्टैंप ड्यूटी की अहमियत: पिछले साल रिजर्व बैंक अॉफ इंडिया यानी आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए थे कि संपत्ति के लेनदेन में होम लोन की गणना के लिए कई अन्य चार्जेज को भी मिलाया जाए। लेकिन अब तक स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस जैसे खर्चों को घर खरीदारों को ही चुकाना पड़ रहा है, चाहे वह होम लोन लेकर प्रॉपर्टी ले रहे हों। जिन लोगों को इन खर्चों के बारे में जानकारी नहीं होती, यह उनके लिए एक सदमा होता है। इतना ही नहीं कई लोगों को अपना घर खरीदना का सपना ठंडे बस्ते में डालना पड़ता है, क्योंकि पेपरवर्क के लिए वह अच्छा खासा मोटा पैसा जुटा नहीं पाते। यह भी तथ्य है कि बैंक अब प्रॉपर्टी की वैल्यू तय करने के लिए उसमें स्टैंप ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन और अन्य चार्जेज भी शामिल कर रहे हैं, लेकिन फिर भी इस सबका खर्चा घर खरीदारों को ही उठाना पड़ता है। इस वजह से घर खरीदारों को स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्जेज के बारे में मालूम होना जरूरी होता है।
रजिस्ट्रेश चार्जेज क्या होते हैं: सरकारी खातों में प्रॉपर्टी की लेनदेन को रजिस्टर कराने के लिए ग्राहकों को एक बार रजिस्ट्रेशन चार्जेज देने पड़ते हैं। आमतौर पर यह लेनदेन का एक प्रतिशत होती है। चाहे विभिन्न शहरों में स्टैंप ड्यूटी अलग-अलग हो। ग्रामीण या शहरी इलाका हो। घर खरीदार मर्द हो या औरत।