दिल्लीवालों का प्रॉपर्टी टैक्स एेसे तय करता है एमसीडी, जानिए सभी जरूरी बातें
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और पूरी दुनिया की शहरी सरकारों के लिए प्रॉपर्टी टैक्स राजस्व का एक बड़ा स्रोत है। प्रॉपर्टी टैक्स इकट्ठा करने के मामले में खराब प्रशासन के कारण भारत के अन्य शहरों के मुकाबले दिल्ली का प्रदर्शन काफी खराब है। विभिन्न स्टडीज के मुताबिक दिल्ली की करीब 30 प्रतिशत प्रॉपर्टीज म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के रिकॉर्ड्स में दर्ज ही नहीं हैं। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी 2011 की इंडिया म्युनिसिपल फाइनेंस रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 25.3 लाख प्रॉपर्टीज में से सिर्फ 9.6 लाख ही रजिस्टर्ड हैं। हालांकि घर खरीदार प्रॉपर्टी टैक्स देने में हिचकते हैं। लेकिन कानूनी परेशानियों से बचने और टैक्स का फायदा उठाने के लिए समय पर प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करना जरूरी है। अगर आपका भी दिल्ली में घर है तो आपके लिए प्रॉपर्टी टैक्स के बारे में ये बातें जाननी बेहद जरूरी हैं:
दिल्ली नगर निगम एेसे कैलकुलेट करता है प्रॉपर्टी टैक्स: दिल्ली में प्रॉपर्टी टैक्स की गणना के लिए एमसीडी सरकार द्वारा तय किया गया यूनिट एरिया सिस्टम का इस्तेमाल करती है। यूनिट एरिया सिस्टम में रियल एस्टेट संपत्तियों पर आप जिन आधारों पर टैक्स का भुगतान करते हैं वह हैं- निर्मित क्षेत्र (बिल्ड अप एरिया) , निर्माण की अवधि, बिल्डिंग का स्ट्रक्चर, दिल्ली में प्रॉपर्टी की लोकेशन और वह किस टाइप की है। इसके अलावा कमर्शियल, रेजिडेंशल, इंडस्ट्रियल और इंस्टिट्यूशनल प्रॉपर्टीज पर प्रॉपर्टी टैक्स की दरें अलग-अलग होती हैं। अगर आपका घर ए या बी रेजिडेंशल प्रॉपर्टी की कैटिगरी में आता है तो आपको 12 प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स भरना पड़ेगा। अगर घर सी, डी या ई रेजिडेंशल प्रॉपर्टी की कैटिगरी में है तो प्रॉपर्टी टैक्स 11 प्रतिशत लगेगा। वहीं अगर यह एफ, जी या एच कैटिगरी में है तो आपको 7 प्रतिशत टैक्स भरना पड़ेगा।
प्रॉपर्टी टैक्स की गणना करने के लिए एमसीडी यह फॉर्म्युला इस्तेमाल करती है:
प्रॉपर्टी टैक्स=एनुअल वैल्यू×रेट अॉफ टैक्स
एनुअल वैल्यू=यूनिट एरिया वैल्यू×एेज फैक्टर×यूज फैक्टर×स्ट्रक्चर फैक्टर×फ्लैट फैक्टर×अॉक्युपेंसी फैक्टर
यूनिट एरिया सिस्टम में एनुअल वैल्यू की गणना करने के लिए टैक्स की दर को एनुअल वैल्यू के साथ गुणा किया जाता है।
अॉनलाइन कैसे भुगतान करें प्रॉपर्टी टैक्स को: अगर आप अॉनलाइन तरीके से टैक्स का भुगतान करना चाहते हैं तो www.mcdpropertytax.in पर लॉग इन करें। इसके बाद प्रॉपर्टी आईडी डालें और निर्देशों का पालन करें। अगर आपको प्रॉपर्टी आईडी नहीं मिली है तो आप यूनिट एरिया सिस्टम का फॉर्म्युले के जरिए प्रॉपर्टी टैक्स कैलकुलेट कर सकते हैं।
टैक्स में छूट: अगर आप वरिष्ठ नागरिक, शारीरिक तौर पर विकलांग, भूतपूर्व सैनिक हैं तो एमसीडी आपको प्रॉपर्टी टैक्स पर 30 प्रतिशत छूट देती है। लेकिन यह तभी मिलेगी जब प्रॉपर्टी पूरी तरह आपके कब्जे में हो यानी आप ही उसे इस्तेमाल कर रहे हों और वह सिर्फ रिहायशी मकसद के लिए यूज हो रही हो। प्रो रेट के आधार पर अगर कुल कवर्ड एरिया 200 स्क्वेयर मीटर है तो 30 प्रतिशत की छूट लागू होगी। अगर आपके घर का कवर्ड एरिया 200 स्क्वेयर मीटर से ज्यादा है तो छूट की गणना के लिए फॉर्म्युला है एनुअल टैक्स * 200 * 0.3 / कुल कवर क्षेत्र।
अगर आप एक छोटे फ्लैट के मालिक हैं तो टैक्स में रियायत पाने की संभावना है। वहीं अगर आपका डीडीए या कॉरपोरेटिव ग्रुप हाउजिंग सोसाइटीज फ्लैट में रहते हैं, जिसका कुल कवर्ड एरिया 100 स्क्वेयर मीटर है, वहां आपको 10 प्रतिशत टैक्स में रियायत मिलेगी। अगर आपका ग्रुप हाउजिंग फ्लैट में फ्लैट है और आपने वित्त वर्ष में अपना टैक्स 30 जून से पहले भर दिया है तो आपको 20 प्रतिशत रियायत मिलेगी।
क्यों समय पर भरना चाहिए प्रॉपर्टी टैक्स: एक वित्तीय वर्ष में अगर आप 30 जून से पहले एक किस्त में प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करते हैं, तो आप 15% की छूट के लिए योग्य होंगे। 31 मार्च तक आपको प्रो-रेट ब्याज के साथ संपत्ति कर का भुगतान करना होगा (पारित होने वाले समय के अनुपात में) । लेकिन, 31 मार्च के बाद प्रॉपर्टी टैक्स के भुगतान पर दंड और ब्याज लगाया जाएगा।