मुंबई रियल एस्टेट मार्केट: इन 7 चीजों के बारे में जानना आपके लिए बहुत जरूरी है
मुंबई प्रॉपर्टी मार्केट दुनिया में सबसे महंगे बाजारों में से एक है और इस पर कई लोगों की नजरें टिकी रहती हैं। इस प्रॉपर्टी मार्केट में हाल ही में जो डिवेलपमेंट्स हुए हैं, वह और भी ज्यादा फायदेमंद हैं। महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA) में डिजिटाइजेशन से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट्स ने मार्केट को और भी दिलचस्प बना दिया है। प्रॉपटाइगर आज आपको उन्हीं डिवेलपमेंट्स के बारे में बताने जा रहा है।
1 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी की जांच: बेनामी प्रॉपर्टी पर लगाम कसने के मकसद से पिछले एक दशक में जो एक करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्तियां खरीदी गई हैं, उनकी दोबारा से जांच होगी। इनकम टैक्स (आईटी) डिपार्टमेंट ने सभी सब-रजिस्ट्रार और तहसीलदारों से एेसी संपत्तियों का ब्योरा देने को कहा है। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एेसी करीब पांच लाख संपत्तियां हो सकती हैं। इसके अलावा डिवेलपमेंट अग्रीमेंट, किरायेदारी, फ्लैट/अॉफिस/कमर्शियल परिसर की बिक्री के सर्टिफिकेट, प्रॉपर्टी का एक्सचेंज, लीज का ट्रांसफर, गिफ्ट, पावर अॉफ अटॉर्नी, गिरवीनामा आदि भी रडार पर होंगे।
इमारतों की अलग पहचान: बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने आधार कार्ड की तरह इमारतों को भी पहचान वाले नंबर जारी करने शुरू कर दिए हैं। 15 अंकों वाला यह नंबर बिल्डिंग की एंट्री और उसके नोटिस बोर्ड पर लगा होगा, ताकि उसकी आसानी से पहचान हो सके। करीब 27 लाख इमारतों को इसकी जरूरत होगी। ये 15 नंबर वॉर्ड नंबर, प्रॉपर्टी टैक्स सेक्शन, बराबर में बनी बिल्डिंग का नंबर और इमारत में बने फ्लैटों के नंबर का मिश्रण होगा। कमर्शियल प्रॉपर्टियों को भी इस नंबर की जरूरत होगी, ताकि डॉक्युमेंटेशन, रीडिवेलपमेंट प्लान, ट्रैकिंग अथॉरिटी और लाइसेंस लेने के लिए कॉरपोरेशन आने वाले लोगों की संख्या में कमी की जा सके।
मालामाल कर रहा अंधेरी: जहां एक ओर प्रॉपर्टी डिफॉल्टर्स बकाया नहीं चुकाते और कॉरपोरेशन का राजस्व घट जाता है। वहीं अंधेरी वेस्ट का मामला थोड़ा अलग है। इस इलाके में करीब 31 हजार इमारतें हैं, जिनसे कॉरपोरेशन के खजाने में 434 करोड़ रुपये आते हैं। अंधेरी ईस्ट को मिला दिया जाए तो यह राजस्व 861 करोड़ रुपये हो जाता है। अंधेरी वेस्ट में जेवीपीडी, लोखंडवाला कॉम्पलेक्स और वर्सोवा जैसे वॉर्ड आते हैं। हालिया समय में अंधेरी को इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट जैसे वर्सोवा-घाटकोपर मेट्रो और जोगेश्वरी-विखरोली लिंक रोड के कारण काफी शोहरत मिली है।
ठाणे की अनधिकृत इमारतों को राहत: जबसे महाराष्ट्र सरकार ने ठाणे की 5,500 अनधिकृत इमारतों के लिए अधिवास प्रमाण पत्र (ओसी सर्टिफिकेट) के नियमों को आसान कर दिया है, तब से कई लोग चैन की सांस ले रहे हैं। खास बात है कि यह संपत्तियां पूरी तरह से कानूनी नहीं हैं। इन्हें बनाने के दौरान बिल्डर ने कई नियमों का उल्लंघन किया है। सरकार ने यह कदम उस हादसे के बाद उठाया गया, जब घाटकोपर में एक इमारत ढह गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ओसी हासिल करने के नियमों को आसान बनाने की बात कही थी।
संपत्ति में छूट: जिन लोगों की संपत्ति का कार्पेट एरिया 500 स्क्वेयर फुट से कम है, उन्हें अब प्रॉपर्टी टैक्स में छूट मिलेगी। पहले इन्हीं से कॉरपोरेशन को 350 करोड़ का राजस्व मिलता था। जिन घरों का कार्पेट एरिया 500 स्क्वेयर फुट से ज्यादा, लेकिन 700 स्क्वेयर फुट से कम है, उन्हें टैक्स में 60 प्रतिशत की छूट मिलेगी। इससे कॉरपोरेशन के राजस्व को 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त नुकसान होगा।
जीएसटी की राह नहीं खुली: भले ही 1 जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू हो गया हो, लेकिन अब भी राज्य के जनरल अॉफ रजिस्ट्रार (आईजीआर) की ओर से 1 प्रतिशत स्थानीय निकाय कर (एलबीटी) वसूला जा रहा है। प्रॉपर्टी मालिक अब भी राज्य सरकार की ओर से नोटिफिकेश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं आईजीआर की ओर से कहा गया कि जब तक सरकार इस बारे में कुछ नहीं कहेगी, यह जारी रहेगा। उनका तर्क है कि स्टैंप एक्ट में आने के कारण इसे लगाया जाता है। घर खरीदारों को उम्मीद है कि सिर्फ स्टैंप ड्यूटी लगाई जानी चाहिए और एलबीटी से उन्हें छुटकारा मिलेगा।
अॉनलाइन मौजूद हैं 7/12 एक्सट्रैक्ट्स : विश्वास हमेशा अॉनलाइन और डिजिटलाइज्ड कॉपियों पर रहा है। 7/12 लैंड एक्सट्रैक्ट्स या प्रॉपर्टी रिकॉर्ड्स 15 अगस्त 2017 से अॉनलाइन उपलब्ध हैं और दो सरकारी वेबसाइट्स: Mahabhulekh और Aaple sarkar से इन्हें डाउनलोड किया जा सकता है। इन्हें मालिक होने का आधिकारिक दस्तावेज माना जाएगा। तहसीलदार या राजस्व विभाग में जाने के दौरान इसके जरिए आप परेशानी से बच सकते हैं।