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इन वजहों से पूरी तरह बदल जाएगा बेंगलुरु का रियल एस्टेट मार्केट

August 04 2017   |   Sneha Sharon Mammen
बेंगलुरु को यूं तो देश का आईटी हब कहा जाता है, लेकिन यहां प्रॉपर्टी मार्केट यानी रियल एस्टेट में काफी बदलाव देखने को मिले हैं। नौकरी और बेहतर भविष्य को देखते हुए लोग अब इस शहर का रुख कर रहे हैं। आइए आपको बताते हैं कि कर्नाटक रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (RERA) पोर्टल के लॉन्च के अलावा शहर के प्रॉपर्टी मार्केट में क्या हलचल हो रही है। सरकार ने घटाई FAR सीमा: राज्य सरकार ने फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) सीमा घटा दी है। इस वजह से प्रॉपर्टी मालिकों को स्थानीय निकाय संस्थाओं से अतिरिक्त एफएआर खरीदना पड़ेगा। इस कारण यह प्रोपोजल बेंगलुरुवासियों खासतौर पर रियल एस्टेट डिवेलपर्स और सक्रिय नागरिक समूहों को पसंद नहीं आया। उनका दावा है कि इससे कीमतों में बढ़ोतरी होगी। 300 मिलियन डॉलर का वेंचर: चीन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने गोल्डन गेट प्रॉपर्टीज के साथ 300 मिलियन डॉलर के जॉइंट वेंचर को शहर में आवासीय परियोजनाएं शुरू करने के लिए अंतिम रूप दिया। जिन जगहों को इसके लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे हैं-यशवंतपुर, वाइटफील्ड और सरजापुर। इस वेंचर से उम्मीद है कि यह मार्केट में ज्यादा पैसा लाएगा, जो को-प्रमोटरों को राहत देने का काम करेगा। ये लोग फिलहाल नोटबंदी के बाद नकदी की कमी और गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी के प्रभाव के कारण परेशानी में हैं। सिंचाई विभाग को तालाबों की जिम्मेदारी: खूबसूरत तालाब बेंगलुरु शहर की चकाचौंध को और बेहतर बनाते हैं। नतीजा लोग ज्यादातर इन तालाबों के करीब प्रॉपर्टी लेना पसंद करते हैं। लेकिन जल्द ही यह अतीत बन जाएगा। प्रदूषित तालाबों से निकलने वाला कैमिकल इसकी खूबसूरती को बर्बाद कर रहा है। ताजा रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि बेंगलुरु महानगरपालिका (BBMP) को मंजूर किया गया 79 करोड़ का बजट वापस करना पड़ेगा और यह लघु सिंचाई विभाग (एमआईडी) को दिया जाएगा। एमआईडी पर 167 तालाबों के देखरेख और विकास की जिम्मेदारी होगी। विरासत बरकरार रखने की कोशिश: लोकल प्लानिंग अथॉरिटीज एेतिहासिक इमारतों और उसके आसपास की जगहों के विकास नियमों को नियंत्रित करने के तरीके पेश कर सकते हैं। साथ ही मास्टरप्लान में विशेष नियंत्रण क्षेत्र को पेश करने का प्रस्ताव भी आगे बढ़ाया गया है। इसके अलावा कॉमन जोनिंग रेग्युलेशन (सीजेडआर) ने बताया कि एेतिहासिक इमारतों के 300 मीटर की रेडियस में बिल्डिंग बनाने के लिए नो अॉब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेना पड़ेगा। साथ ही दो फ्लोर से ज्यादा की इमारत को मंजूरी नहीं दी जाएगी। मेट्रो ने बदली सूरत: हाल ही में लॉन्च हुई मेट्रो की ग्रीन लाइन बेंगलुरु के 42.30 किलोमीटर के इलाके को कवर करती है। यह शहरवासियों के किसी वरदान से कम नहीं है। मेट्रो रूट के 200 मीटर के भीतर कमर्शियल और रेजिडेंशियल रियल एस्टेट के लिए एक एफएआर पॉलिसी पर राज्य सरकार और प्राधिकरण काम कर रहे हैं। इसके कारण गाइडेंस वैल्यू भी बढ़ सकती है। इसके अलावा जानकारों का कहना है कि जलाहली, पीन्या, यशवंतपुर, राजाजीनगर, सैमपिज रोड, कृष्णा राजेंद्र मार्केट, साउथ एंड सर्किल, जयनगर, बनशंकरी, जेपी नगर और पुट्टेनाहाली में रियल एस्टेट में विकास और तेजी देखी जा सकती है।



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