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प्रॉपर्टी उपहार में देने की सोच रहे हैं तो इन बातों का ख्याल जरूर रखें

March 06 2024   |   Sunita Mishra
गिफ्ट देने की खुशी अलग ही होती है। लेकिन किसी प्रॉपर्टी को गिफ्ट में देने की तैयारी करते वक्त कुछ वित्तीय प्रभाव पड़ सकते हैं। अगर आप गिफ्ट डीड के जरिए किसी को प्रॉपर्टी देने की सोच रहे हैं तो इन चीजों को ध्यान में जरूर रखें।
 
क्या रिश्तेदार को प्रॉपर्टी देने पर लगेगा टैक्स: जवाब है नहीं। अगर गिफ्ट डीड के जरिए प्रॉपर्टी किसी दूसरे के नाम की गई है तो न तो आपको और न रिश्तेदार को टैक्स चुकाना पड़ेगा। इसे कानूनी शक्ल देने के लिए ट्रांजेक्शन पर आपको स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज चुकाना पड़ेगा। लेकिन अगर आप 50 हजार से ज्यादा की संपत्ति किसी एेसे शख्स के नाम कर रहे हैं, जो आपका रिश्तेदार नहीं है तो उसे वित्त वर्ष में टैक्स का भुगतान करना पड़ेगा। 
 
प्रॉपर्टी को बेचकर मिले पैसे को गिफ्ट करना हो तो: एेसे मामलों में अगर वह शख्स आपका रिश्तेदार नहीं है तो उसे टैक्स चुकाना पड़ सकता है। टैक्स कानून के मुताबिक वित्त वर्ष में किसी को 50 हजार का गिफ्ट मिलता है तो उसे अन्य स्रोतों से प्रमुख आय के तहत टैक्स चुकाना पड़ेगा। लेकिन पैसा आपके बेटे के अकाउंट में ट्रांसफर होता है तो कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। 
 
अपने जीवनकाल के दौरान संपत्ति उपहार में देने पर: अगर एक रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड के जरिए आपने संपत्ति किसी और को देने का फैसला कर लिया है तो उसके तुरंत बाद मालिकाना हक बदला जाएगा। लेकिन गिफ्ट डीड कानूनन वैध तब ही मानी जाएगी, जब स्टैंप ड्यूटी चुकाने के बाद उसका रजिस्ट्रेशन आपके जीवनकाल में किया जाएगा। इसे दो गवाहों से अटेस्ट भी कराना पड़ेगा। रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के प्रावधानों के मुताबिक डोनर को 4 महीनों के भीतर डीड को रजिस्टर्ड कराना होगा। अगर गिफ्ट डीड के जरिए आपकी संपत्ति किसी एनजीओ के नाम हो गई है तो वह तुरंत उस पर दावा कर सकती है।
 
क्या गिफ्ट वापस ले सकते हैं: जवाब है हां, लेकिन साथ में एक चेतावनी भी है। ट्रांसफर अॉफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1982 के सेक्शन 126 के मुताबिक अगर डोनर कॉन्ट्रैक्ट में यह बात नहीं लिखता कि उसे गिफ्ट वापस पाने का अधिकार है, तब तक यह मुमकिन नहीं है। आप गिफ्ट पर आंशिक अधिकार भी रख सकते हैं। उदाहरण के तौर पर आप गिफ्ट डीड के जरिए दो प्लॉट्स एक ही वक्त पर किसी दूर के रिश्तेदार को देते हैं। लेकिन दूसरे प्लॉट को वापस पाने का अधिकार अपने पास रखते हैं। एेसे में आखिरी चरण पर आप पहले प्लॉट पर अधिकार का दावा नहीं कर पाएंगे। 
 
मरने के बाद प्रॉपर्टी गिफ्ट करनी हो तो: अगर आप संपत्ति को तोहफे में देना चाहते हैं, लेकिन अपने जीवनकाल में प्रॉपर्टी छोड़ना नहीं चाहते। एेसे में संपत्ति आपके मरने के बाद किसी और के नाम वसीयत के जरिए होगी न कि गिफ्ट डीड के जरिए। जब आप वसीयत बनाते हैं तो आपको उसमें कुछ भी बदलने की आजादी मिलती है। लेकिन गिफ्ट डीड में यह लुत्फ आप नहीं ले पाएंगे। 
 
प्रॉपर्टी गिफ्ट में देने के बाद कौन चुकाएगा बकाया: प्रॉपर्टी ट्रांसफर कानून के प्रावधानों के मुताबिक गिफ्ट डीड के जरिए संपत्ति दूसरे शख्स के नाम होने पर वही सारा बकाया चुकाएगा। उदाहरण के तौर पर अंकल ने आपको एक फ्लैट गिफ्ट किया है और पानी, बिजली व अन्य सुविधाओं के तौर पर उन्हें 50000 रुपये चुकाने हैं तो अब वह बकाया चुकाना आपकी जिम्मेदारी है। 
 
क्या चैरिटेबल ट्रस्ट को संपत्ति गिफ्ट करने पर स्टैंप ड्यूटी चुकानी होगी: यह आपके राज्य के कानूनों और किस तरीके से डीड बनवाई गई है, उस पर निर्भर करता है। यदि आप किसी चैरिटेबल ट्रस्ट को संपत्ति गिफ्ट कर रहे हैं तो स्टैंप ड्यूटी को कम किया जा सकता है या उसमें छूट दी जाएगी। हालांकि अगर आप प्रॉपर्टी किसी गैर-सरकारी संस्था यानी एनजीओ को गिफ्ट कर रहे हैं तो स्टैंप ड्यूटी नहीं देनी पड़ेगी। मगर ध्यान रहे कि सभी गैर सरकारी संस्थाओं को जमीन या संपत्ति बतौर गिफ्ट लेने की इजाजत नहीं होती। 
 
क्या भविष्य में मिलने वाली प्रॉपर्टी को गिफ्ट में दे सकते हैं: अगर इस तरह का कॉन्ट्रैक्ट बनाया जाता है तो कानून के तहत उसे बेकार माना जाएगा। 
 
अगर गिफ्ट स्वीकार न किया जाए तो: गिफ्ट डीड को कानूनन वैध बनाने के लिए बेनिफिशरी को डोनर के जीवनकाल में गिफ्ट स्वीकार करना होगा। अगर वह एेसा नहीं करता तो कॉन्ट्रैक्ट व्यर्थ माना जाएगा और संपत्ति का मालिकाना हक डोनर के पास चला जाएगा।    



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