बिक्री समझौता टूटने पर आप उठा सकते हैं ये कदम, खटखटा सकते हैं अदालत का दरवाजा
एक बिक्री समझौता ग्राहक और प्रॉपर्टी बेचने वाले के बीच होता है। किसी अन्य कॉन्ट्रैक्ट की तरह इसमें भी गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए यह विक्रेता और खरीददार दोनों के लिेए जरूरी है कि वह अॉफर मंजूर करने से पहले सोच-विचार कर लें। अगर एक पार्टी अग्रीमेंट का पालन नहीं करती तो आपके अधिकार क्या होंगे, आज हम इसी पर बात करेंगे।
बेचने वाले के नजरिए से: अगर अग्रीमेंट का उल्लंघन होता है तो कई एेसे तरीके हैं, जिस पर आप अमल कर सकते हैं। कोई फैसला करने से पहले बिक्री समझौते को देख लें कि उसके क्लॉज में क्या-क्या लिखा है। ये बातें जरूर चेक करें:
*अगर खरीददार पेमेंट नहीं कर पाता तो कॉन्ट्रैक्ट में इसका क्या क्लॉज है।
*क्या कोई ऐसा क्लॉज है, जिसमें लिखा है कि संपत्ति के शीर्षक से संतुष्ट होने के बाद ही खरीददार बाकी शेष राशि का भुगतान करेगा?
*क्या कोई क्लॉज है कि आप खरीददार को कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने और नुकसान की भरपाई के लिए कानूनी नोटिस भेज सकते हैं?
*क्या कोई ऐसा क्लॉज है, जिसमें लिखा है कि अगर खरीददार को होम लोन नहीं मिलता तो वह समझौता तोड़ सकता है।
यह भी ध्यान रखें कि अगर यह रजिस्टर्ड अग्रीमेंट है तो बैनामा दोनों पक्ष रद्द करेंगे। तभी प्रॉपर्टी किसी तीसरे पक्ष को बेची जा सकती है। दूसरी ओर अगर खरीददार पंजीकृत समझौते को रद्द करने से इनकार करता है तो बाकी राशि का भुगतान करने के लिए आप केस दायर कर सकते हैं।
ग्राहक के नजरिए से:
*यहां भी वही नियम लागू होते हैं। ग्राहक को भी बिक्री समझौते पर नजर डालकर आगे की कार्यवाही करनी होती है।
*अगर विक्रेता समझौता तोड़ता है तो कॉन्ट्रैक्ट में क्या क्लॉज हैं।
*क्या कॉन्ट्रैक्ट में एेसा लिखा है कि अगर विक्रेता की तरफ से कुछ शर्तें पूरी नहीं हुईं तो वह समझौता रद्द कर सकता है?
*क्या आप अग्रीमेंट के रद्द होने पर विक्रेता को कानूनी नोटिस भेजकर हर्जाना मांग सकते हैं?
*आसान भाषा में कहें तो अगर दूसरी पार्टी बिक्री पूरा करने में नाकाम रहती है तो ग्राहक या विक्रेता कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन के एवज में पैसे के नुकसान की मांग कर सकते हैं। अगर विक्रेता की ओर से उल्लंघन हुआ है तो उसे सभी डिपॉजिट और जरूरी खर्चे खरीददार को लौटा देने चाहिए। अन्य पार्टी भी खास प्रदर्शन के तहत इस समझौते को पूरा करने के लिए दोषी पार्टी को मजबूर करने की कोशिश कर सकती है। खरीददारों को यह सलाह दी जाती है कि वह बिक्रीनामे को रजिस्टर्ड करा लें।
खास प्रदर्शन: रियल एस्टेट की भाषा में खास प्रदर्शन का मतलब है जब ग्राहक या फिर खरीददार तय नियम व शर्तों पर बिक्री को अंजाम देना चाहते हों। एक खरीददार या विक्रेता जो तय नियम व शर्तों के आधार पर बिक्री पूरी करना चाहता है, वह इसके लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकता है। हालांकि, खास प्रदर्शन के जरिए एक अचल संपत्ति को बेचने का आदेश कोर्ट दे सकता है।