पुणे रियल एस्टेट मार्केट ने हाल ही में देखे हैं ये 5 बदलाव
August 08 2017 |
Sneha Sharon Mammen
हाल ही में पुणे के रियल एस्टेट मार्केट ने काफी प्रगति देखी है, जिसका उस पर सीधा असर पड़ा है। प्रॉपटाइगर आपको बताएगा कि कैसे इन डिवेलपमेंट्स ने शहर में जिंदगी को प्रभावित किया है।
राज्य सरकार ने परियोजनाओं और एजेंटों के रजिस्ट्रेशन के लिए समय सीमा बढ़ाने से मना कर दिया है। महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (MahaRERA) ने पाया कि नियामक संस्था के पास केवल पुणे से 2,297 प्रोजेक्ट्स रजिस्टर्ड हैं। MahaRERA को एजेंट्स के करीब 7 हजार आवेदन मिले।
इन लोगों को चुकाना होगा एलबीटी: लंबी बहस के बाद निकाय प्रशासन ने प्रॉपर्टी के एरियर में लोकल बॉडी टैक्स (एलबीटी) शामिल करने का फैसला किया है। यह 15000 व्यापारियों के मामले में लागू होगा। लंबित राशि को खत्म करने के बावजूद वसूल किया जाएगा। पहले लग रहा था कि इस मामले में केवल गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी जीएसटी ही इकलौते टैक्स के रूप में लगेगा, लेकिन इस मामले में प्रशासन बकाया वसूल करेगा। व्यापारी समुदाय का तर्क है कि विरोध के बाद एलबीटी समाप्त कर दिया गया था। बाद में साल 2015 में इसे सिर्फ उन लोगों से वसूला जाना था, जिनका सालाना टर्नओवर 50 करोड़ से ज्यादा है। पहले जिन व्यापारियों का टर्नओवर 5 लाख से कम था, उन्हें एलबीटी चुकाना था।
पुणे म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (पीएमसी) 2800 करोड़ रुपये के ज्यादा की मेगा परियोजना के लिए नगरपालिका बॉन्ड के जरिए पैसा जुटा रहा है ताकि 24 घंटे पानी की सप्लाई हो सके। हालांकि रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि परियोजना लागत पर जीएसटी के प्रभाव के कारण टेंडर की प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। जबकि अधिकारियों का कहना था कि यह इसलिए खत्म हुई क्योंकि कॉन्ट्रैक्टरों ने ज्यादा पैसों की मांग की थी, जो निकाय संस्था के बजट से ज्यादा था। इस प्रोजेक्ट के फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
पुरानी इमारतों का मेकओवर: मुंबई के घाटकोपर इलाके में बिल्डिंग गिर जाने के बाद पीएमसी ने करीब 800 पुरानी बिल्डिंगों का मेकओवर करने का फैसला किया है, जो जर्जर स्थिति में हैं। इनमें से ज्यादातर पुराने इलाकों जैसे कसबा पीठ, तिलक रोड, विश्रामबाग, नाना पीठ, नारायण पीठ और बुधवार पीठ में स्थित हैं। जो बेहद ज्यादा ही गंभीर स्थिति में हैं, उन 150 इमारतों को खाली कराने का नोटिस दिया गया है। साल 2015 में निकाय संस्था ने एेसी 10 इमारतों को ढहा दिया था।
पानी की कमी: घर खरीदने वाला कोई भी ग्राहक अपने इलाके में पानी की कमी से जूझना नहीं चाहेगा। हालांकि पुणे के ज्यादातर निवासी पानी के कारण बीमार पड़ जाते हैं। इसी कारण पीएमसी ने इस समस्या को सुलझाने के लिए इस प्रोजेक्ट को फंड देने का फैसला किया है। हाल ही में आईं रिपोर्ट्स दावा करती हैं कि लोग भी पीएमसी द्वारा सप्लाई किए जाने वाले पानी से खुश नहीं हैं। कहीं भी निवेश करने से पहले यह रिसर्च जरूर करनी चाहिए कि आपके आसपास की लाइफ स्टाइल कैसी है।