DDA हाउसिंग स्कीम 2017 के बारे में वो बातें जो आपको मालूम होनी बहुत जरूरी हैं
November 30 2017 |
Gunjan Piplani
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घर खरीदने वालों का इंतजार दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी DDA ने हाउसिंग स्कीम 2017 लॉन्च कर खत्म कर दिया है। एप्लिकेशन फॉर्म्स की बिक्री और स्कीम से जुड़े लेनदेन के लिए डीडीए ने 10 बैंकों के साथ करार किया था। ये बैंक थे-एक्सिस बैंक, बैंक अॉफ बड़ौदा, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईडीबीआई, कोटक महिंद्रा, एसबीआई और यस बैंक।
यह था अॉफर: रोहिणी, द्वारका, नरेला, वसंत कुंज और जसोला के अलग-अलग हिस्सों में 12000 हजार फ्लैट्स बिक्री के लिए लॉन्च किए गए थे। इन सभी यूनिट्स में से 10 हजार फ्लैट्स पुरानी 2014 की स्कीम के थे, जबकि बाकी के अपार्टमेंट्स दिल्ली विकास प्राधिकरण के पास खाली पड़े थे। इसका मतलब था कि डीडीए के पास अॉफर करने के लिए नए फ्लैट्स नहीं थे। अगर किसी शख्स को फ्लैट आवंटित हुआ है तो यह एक शानदार प्रॉपर्टी हासिल करने का सुनहरा मौका था, क्योंकि इससे किफायती घर मिलना मुश्किल है। 2014 में डीडीए ने 7 लाख (लोअर बैंड) से लेकर 1.2 करोड़ (अपर बैंड) की कीमत वाले फ्लैट्स बेचे थे। इलाकों में कीमतों को देखते हुए डीडीए की यह स्कीम काफी किफायती थी।
यह था स्कीम का रेट कार्ड
आइए आपको बताते हैं कि जिन इलाकों डीडीए ने फ्लैट्स निकाले थे, वहां औसत बाजार कीमत कितनी है। यह डेटा प्रॉपटाइगर डॉट कॉम और मकान डॉट कॉम पर आधारित है।
*द्वारका में प्रॉपर्टी की औसत कीमत 4 हजार प्रति स्क्वेयर फुट है। जबकि मासिक किराया 32000 रुपये के करीब है। यह सेक्टर और डिवेलपर पर निर्भर करता है।
*रोहिणी में प्रॉपर्टी की औसत कीमत 6,600 प्रति स्क्वेयर फुट है, जबकि मासिक किराया 13,200 रुपये तक जा सकता है।
*जसोला में प्रॉपर्टी की औसतन कीमत 8,370 प्रति स्क्वेयर फुट है, जबकि मासिक किराया 26,500 रुपये तक मिल सकता है।
*नरेला में प्रॉपर्टी की औसतन कीमत 4,300 प्रति स्क्वेयर फुट है, जबकि 3बीएचके फ्लैट का किराया 16000 रुपये तक हो सकता है।
*वसंत कुंज में औसतन प्रॉपर्टी की कीमत 14,500 प्रति स्क्वेयर फुट है और 3 बीएचके का मासिक किराया 35000 रुपये तक जा सकता है।
पेनाल्टी: जिसे फ्लैट आवंटित हुआ है, अगर वो फ्लैट लौटा देता है तो उसे 25 प्रतिशत तक पेनाल्टी भरनी पड़ेगी। कुछ मामलों में यह 100 प्रतिशत भी हो सकती है। डीडीए के मुताबिक इस कदम से घर ग्राहक इस स्कीम में गंभीर होकर हिस्सा लेंगे। डीडीए ने यह कदम उस घटना के बाद उठाया है, जब 2014 में 50 प्रतिशत लोगों ने बाद में आवंटित फ्लैट्स लौटा दिए थे।
फ्लैट्स की श्रेणियां: इन फ्लैट्स को लो-इनकम ग्रुप्स (एलआईजी), मीडिल इनकम ग्रुप्स (एमआईजी) और हाई इनकम ग्रुप्स (एचआईजी) को बेचा जाना था। पहले से उलट यहां आर्थिक तौर पर गरीब तबकों के लिए कोई प्रावधान नहीं था। जबकि एलआईजी और एमआईजी श्रेणियों के लिए रजिस्ट्रेशन चार्ज 1 लाख और एचआईजी के लिए 2 लाख रुपये था।
आवेदन: यूं तो रजिस्ट्रेशन अॉफलाइन भी किया जा सकता था, लेकिन डीडीए ने अॉनलाइन प्रोसेस पर ज्यादा फोकस किया था। एेसा डीडीए के अॉफिस में लगने वाली लंबी कतारों से निजात पाने के लिए किया गया था।
बैंक: डीडीए ने आवेदन फॉर्म की बिक्री और स्कीम से जुड़े लेनदेन के लिए 10 बैंकों से करार किया है। ये बैंक हैं- एक्सिस बैंक, बैंक अॉफ बड़ौदा, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, आईडीबीआई, कोटक महिंद्रा, एसबीआई और यस बैंक।
सिर्फ असली खरीदारों के लिए: 2014 में डीडीए को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। लेकिन इस बार उसने सुनिश्चित किया कि सिर्फ असली खरीदार ही स्कीम में हिस्सा लें। अगर आपने फ्लैट की पोजेशन नहीं लेने का फैसला किया है तो आप उसे सरेंडर भी कर सकते हैं। लेकिन आपको रजिस्ट्रेशन चार्ज वापस नहीं मिलेगा। इसके अलावा लॉक इन पीरियड का भी कोई प्रावधान नहीं है। डीडीए के एक अधिकारी ने प्रेस ट्रस्ट अॉफ इंडिया से बातचीत में कहा था कि जिन इलाकों में फ्लैटों की बिक्री हो रही है, लोग वहां जाकर और देखकर अपना मन बना सकते हैं। हमने लॉक इन पीरियड का क्लॉज ही खत्म कर दिया, क्योंकि हमें महसूस हुआ कि इस कारण से भी खरीदार फ्लैटों को सरेंडर कर रहे थे।
हालांकि डीडीए को यह स्कीम फरवरी में लॉन्च करनी थी। लेकिन बुनियादी सुविधाओं एवं अन्य सुविधाओं के निर्माण कार्य में शुरुआत में देरी होने के कारण यह हो नहीं पाया। अप्रैल में दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल को डीडीए के चेयरमैन भी हैं ने अधिकारियों से कहा था कि वह इस स्कीम को लॉन्च करने से पहले वहां कनेक्टिविटी और बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करें। इस स्कीम में खास बात यह भी थी कि अगर आप आप और आपकी पत्नी ने फ्लैटों के लिए आवेदन किया और वह आपको आवंटित हो गए तो आपमें से एक को संपत्ति से हाथ धोना पड़ेगा।