जानिए क्या है 7/12 एक्सट्रैक्ट डॉक्युमेंट का कानूनी पहलू
May 29 2018 |
Surbhi Gupta
भारत में संपत्ति खरीदने के लिए कई दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि जो प्रॉपर्टी खरीदी गई है, उस पर न तो किसी का दावा है और न ही किसी तरह का मुकदमा चल रहा है। लेकिन प्रॉपर्टी खरीदने के लिए एक और अहम दस्तावेज 7/12 एक्सट्रैक्ट भी होता है। अगर कोई ग्राहक प्लॉट्स में निवेश कर रहा है तो इस दस्तावेज की बहुत जरूरत पड़ती है।
क्या होता है 7/12 एक्सट्रैक्ट डॉक्युमेंट?
यह सूचनाओं से भरा एक दस्तावेज होता है, जिसमें जमीन की जानकारी जैसे सर्वे नंबर, एरिया, तारीख और मौजूदा मालिक का विवरण होता है। इसमें दो फॉर्म्स होते हैं। फॉर्म 7 में जमीन मालिक की जानकारी और उसके अधिकारों का जिक्र होता है। जबकि फॉर्म 12 में जमीन और उसके इस्तेमाल की जानकारी होती है। महाराष्ट्र में स्थानीय भाषा में 7/12 एक्सट्रैक्ट डॉक्युमेंट को 'सात-बारह-उतारा' कहा जाता है। टैक्स कलेक्शन के मकसद से राज्य का राजस्व विभाग इस दस्तावेज का रिकॉर्ड रखता है। इस एक्सट्रैक्ट को तहसीलदार या संबंधित भूमि प्राधिकरण जारी करता है। आधिकारिक फीस चुकाने या सूचना के कानून के तहत अर्जी दायर करने पर ग्राहक को इस दस्तावेज की कॉपी मिल जाती है।
7/12 एक्सट्रैक्ट क्यों जरूरी है?
प्लॉट के कानूनी दर्जे के लिए 7/12 एक अहम दस्तावेज है। किसी भी जमीन की पूर्व जानकारी खंगालने के लिए इसका इस्तेमाल होता है। पुराने झगड़ों, मुकदमे, कानूनी आदेशों, जो जमीन के मालिकाना हक या कानूनी दर्जे को प्रभावित कर सकते हैं, उन सबकी सूचना इस दस्तावेज में मिल जाती है। इसके अलावा 7/12 एक्सट्रैक्ट में अतीत में जमीन पर हुई गतिविधियों का लेखा-जोखा भी होता है। जमीन की पहचान और उसकी लोकेशन की जानकारी भी इसमें लिखी होती है। एक्सट्रैक्ट में कृषि भूमि पर पिछली बार कितनी फसल उगी थी, इसका भी रिकॉर्ड होता है।
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि ग्रामीण और अर्ध ग्रामीण इलाकों में इस दस्तावेज का बहुत इस्तेमाल होता है, ताकि कृषि और गैर कृषि ऋण देने के लिए जमीन मालिक की पहचान की जा सके। यह फॉर्म अब अॉनलाइन भी उपलब्ध हैं।
अॉनलाइन कैसे हासिल करें 7/12: जहां जमीन स्थित है, उस शहर के तहसीलदार दफ्तर से इसे हासिल किया जा सकता है। एक निश्चित अवधि के लिए यह एक्सट्रैक्ट लिया जाता है। लेकिन इन स्टेप्स को फॉलो कर आप इसे अॉनलाइन भी पा सकते हैं।
1. महाराष्ट्र सरकार की वेबसाइट पर क्लिक करें
2. वेबसाइट पर दी गई सूची में डिविजन, जिला, तालुका और गांव का नाम चुनें।
3. इन जानकारियों को भरकर भी आप एक्सट्रैक्ट हासिल कर सकते हैं।
*प्रॉपर्टी का सर्वे नंबर या ग्रुप नंबर।
*मालिक का पहला नाम।
*संपत्ति का पैतृक मालिक।
*मालिक का आखिरी नाम।
*मालिक का पूरा नाम
4. फाइंड आउट पर क्लिक करें और 7/12 एक्सट्रैक्ट देखें।
क्या 7/12 एक्सट्रैक्ट में ट्रांसफर अॉफ टाइटल किया जा सकता है: इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि 7/12 एक्सट्रैक्ट टैक्स कलेक्शन के लिए जमीन का एक रिकॉर्ड है और भूमि पर कब्जे के अधिकार के सबूत के तौर पर इसे पेश किया जा सकता है। लेकिन यह दस्तावेज मालिकाना हक का सबूत नहीं है। इसलिए कोई शख्स 7/12 के आधार पर संपत्ति किसी और के नाम नहीं कर सकता।