आपका घर अचल संपत्ति है तो दरवाजे क्या हैं?, जानिए चल और अचल संपत्ति से जुड़ी हर जानकारी
October 05, 2017 |
Sunita Mishra
घर खरीदने से पहले किसी भी आम इंसान को हर तरह की जानकारी हासिल करनी पड़ती है। क्योंकि लेनदेन एक बड़ा वित्तीय जोखिम है। ग्राहक को कई चीजों पर एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत पड़ती है। लेकिन अचल और चल संपत्ति में क्या फर्क है, इसके लिए किसी तरह की गाइडेंस नहीं चाहिए। जो एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाई जा सके, उसे चल संपत्ति कहते हैं और जो एक जगह स्थिर हो, उसे अचल संपत्ति। आज हम आपसे एक सवाल पूछते हैं, जिससे पता चल जाएगा कि वाकई आप दोनों बातों का मतलब जानते हैं या नहीं। आपका घर अचल संपत्ति है, लेकिन दरवाजे क्या और खिड़कियां भी अचल संपत्तियां हैं? एक घर पूरी तरह टूटे बिना मूव नहीं किया जा सकता, लेकिन दरवाजे और खिड़कियों को निकालकर दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। तो क्या घर के दरवाजे और खिड़कियां चल संपत्तियां हैं? कानूनी तौर पर कहें तो जवाब है नहीं।
तो फिर अचल संपत्तियां क्या होती हैं?
भारत में कई एेसे कानून हैं, जो बताते हैं कि अचल संपत्तियां क्या होती हैं। जनरल क्लॉजेज एक्ट, 1897 के सेक्शन 3 (26) के मुताबिक अचल संपत्तियों में जमीन, उससे जुड़े फायदे और धरती से जुड़ी चीजें शामिल होती हैं। दूसरी ओर सेक्शन 3 (36) के मुताबिक चल संपत्ति को "अचल संपत्ति को छोड़कर हर विवरण की संपत्ति" के रूप में परिभाषित किया गया है। धरती से जुड़ी चीजें जैसे वाक्यों को ट्रांसफर अॉफ प्रॉपर्टी एक्ट, 1882 में परिभाषित किया गया है। इस कानून के सेक्शन 3 के मुताबिक धरती से जुड़ी चीजें हैं:
(ए) पेड़ और पौधे, लेकिन इस कानून में टिम्बर और उगती फसलों और घास को अचल संपत्ति नहीं माना गया है।
(बी) धरती में छिपी हुई चीजें, जैसे इमारतें और दीवारें।
दोनों क्लॉज को इस उदाहरण के जरिए बेहतर समझा जा सकता है। एक इमारत या घर धरती में स्थापित होते हैं, जिन्हें अगर दूसरी जगह ले जाया जाए (ढह जाएंगे) तो वह अपना मूल स्वरूप खो देंगे। इससे घर के मालिक का नुकसान होगा। इसलिए इन्हें अचल संपत्तियां कहा जाता है। फसल, टिम्बर और घास, जिनकी जड़ें धरती में होती है, उन्हें उखाड़कर मुनाफा कमाया जा सकता है। (इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक अगर आप अपनी जमीन पर पेड़ उगाकर उसे बाद में टिम्बर के तौर पर बेचते हैं तो इस पर आयकर लगेगा) इससे यह अचल संपत्तियां नहीं कहलाई जातीं।
(सी) अगर आपकी इमारत में स्विमिंग पूल है और अगर इसकी परिभाषा की बात करें तो यह धरती में स्थापित इमारत में अटैच है। अगर इसे मौजूदा जगह से हटाया जाए तो यह अटैच संपत्ति (स्विमिंग पूल) 'स्थापित संपत्ति' (बिल्डिंग) के फायदों को बंद कर देगा। इसका मतलब है जो चीज फायदे के लिए स्थापित संपत्ति में जोड़ी गई है, उसे अचल संपत्ति कहा जाएगा।
रियल एस्टेट कानून क्या कहता है?
हाल ही में अधिनियमित अचल संपत्ति कानून में इन शब्दों को परिभाषित किया गया है। यह परिभाषा वही है, जो ट्रांसफर अॉफ प्रॉपर्टी एक्ट और जनरल क्लॉज एक्ट में लिखी गई है। रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 की धारा 2 (जेड) के मुताबिक जमीन, बिल्डिंग, रास्ते, लाइट्स, जमीन से होने वाले फायदे, जमीन से जुड़ी चीजें या कोई एेसा जो जमीन में स्थायी रूप से जोड़ा गया है, उसे अचल संपत्ति कहते हैं। लेकिन इसमें टिम्बर, फसलें और घास शामिल नहीं हैं।
यह भी ध्यान रखें कि जो चीजें जमीन से जुड़ी या एम्बेड हैं, उन्हें फिक्स्चर (जोड़नार) कहा जाता है। जब हम बिल्डिंगों की बात करते हैं तो फिक्स्चर दो तरह के होते हैं-सिविक फिक्स्चर और ट्रेड फिक्स्चर। दरवाजे, खिड़कियां सिविल फिक्स्चर मशीनरी होती है, जबकि अन्य उपकरण ट्रेड फिक्स्चर कहलाते हैं। सिविल फिक्स्चर हटाने से आपकी अचल संपत्ति को नुकसान पहुंच सकता है। इससे साबित होता है कि क्यों आपके घर में लगे दरवाजों और खिड़कियों को अचल संपत्ति कहा जाता है।
हालांकि अचल संपत्ति होने के लिेए ट्रेड फिक्स्चर स्थायी तौर पर बिल्डिंग के जुड़ा होना चाहिए और उसे हटाने के लिए सिर्फ ढहाने की जरूरत होनी चाहिए। हाउसिंग सोसाइटीज में लगा पावर जनरेटर एक ट्रेड फिक्स्चर है। लेकिन यह अचल संपत्ति नहीं है, क्योंकि इसे परिसर से हटाकर नए के साथ बदला जा सकता है, वह भी बिना किसी नुकसान के। दूसरी ओर इमारत को पावर बैक अप देने के लिए लगाई गई मशीन को अचल संपत्ति कहा जा सकता है।
ध्यान दें
संपत्ति चल है या अचल इसे ध्यान में रखते हुए ही इस पर टैक्स लगाया जाता है। इसलिए दोनों चीजों के बारे में फर्क मालूम होना जरूरी है।